जब बाज़ार में दाखिल हो तो यह दुआ पढ़ें
لَآاِلَهَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ يُحْیِ وَيُمِيتُ وَهُوَ حَىُّ لَّا يَمُوتُ بِيَدِهِ الْخَيْرُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ
ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीका लहू लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युहयी वयुमीतु वहुवा हय्युल ला यमूतु बियादिहिल खैरू वहुवा अला कुल्लि शैइन कदीर०
तर्जुमा अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, वह तन्हा है, उसका कोई शरीक नहीं, उसी का मुल्क है और उसके लिए हम्द है, वह जिंदा करता है और मारता है और वह खुद जिंदा है, उसे मौत न आएगी, उसके हाथ में भलाई है और वह हर चीज पर कादिर है।
हदीस शरीफ में है कि बाजार में उसके पढ़ने से अल्लाह तआला दस लाख नेकियां लिख देंगे और दस लाख गुनाह माफ फ्रमा देंगे और दस लाख दर्जे बुलंद फरमा देंगे, और उसके लिए जन्नत में एक घर बना देंगे।
- तिर्मिज़ी व इब्ने माजा
अगर बाज़ार में कुछ बेचना या ख़रीदना हो तो यह पढ़े
بِسْمِ اللّٰهِ اَللَّهُمَّ اِنِّیٓ اَسْئَلُكَ خَيْرَ هَذِهِ السُّوْقِ وَخَيْرَ مَا فِيهَا وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهَا وَشَرِّ مَا فِيهَآ اَللّٰهُمَّ اِنِّیْ
اَعُوْذُبِكَ اَنْ اُصِيبَ فِيهَا يَمِیْنًا فَاجِرَةً اَوْسَفَقَةً خَاسِرَةً
बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा इन्नी असअलुका खैरा हाजिहिस्सूकी व खैरा मा फीहा व अऊजु बिका मिन शर्रिहा व शर्रि मा फीहा अल्लाहुम्मा इन्नी अउजु बिका अन उसीबा फीहा यमीनन फाजिरातन औ सफा कतन खासिरा तन०
तर्जुमा-
मैं अल्लाह का नाम लेकर दाखिल हुआ। ऐ अल्लाह ! मैं तुझसे इस बाज़ार की और जो कुछ इस बाज़ार में है, उसकी भलाई तलब करता हूं और तेरी पनाह चाहता हूं इस बाज़ार की बुराई से और जो कुछ इस बाज़ार में है उसकी बुराई से। ऐ अल्लाह ! मैं तेरी पनाह चाहता हूं इस बात से कि यहां झूठी कसम खाऊं या मामले में टोटा उठाऊं।
फायदा बाज़ार से वापस आने के बाद कुरआन शरीफ की दस आयतें कहीं से पढ़े।
- हिस्न (तबरानी)
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Thanks for reading: जब बाज़ार में दाखिल हो तो यह दुआ पढ़ें, Sorry, my Hindi is bad:)