जब घर में दाखिल हो तो यह दुआ पढ़े
اَللّٰهُمَّ اِنِّیْ اَسْئَلُكَ خَيْرَ الْمَوْلَجِ وَخَيْرُ الْمَخْرَجِ بِسْمِ اللّٰهِ وَلَجْنَا وَبِسْمِ اللّٰهِ خَرَجْنَاوَعَلَى اللّٰهِ رَبَّنَا تَوَكَّلْناَ ○
अल्लाहुम्मा इन्नी असअलुका खैरल मौलजि व खैरुल मखरजि बिस्मिल्लाहि व लज्जा व बिस्मिल्लाहि खरज्ना व अलल्लाहि रब्बिना तवक्कल्ना०
तर्जुमा-ऐ अल्लाह ! मैं तुझसे अच्छा दाखिल होना और अच्छा बाहर जाना मांगता हूं। हम अल्लाह का नाम लेकर दाखिल हुए और अल्लाह का नाम लेकर निकले और हमने अल्लाह पर भरोसा किया, जो हमारा रब है।
इसके बाद अपने घरवालों को सलाम करे।
-मिश्कात
जाबिर रज़िअल्लाहु तआला अन्हु हज़रत जाबि से रिवायत है कि रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फरमाया कि जब इंसान अपने घर में दाखिल होकर अल्लाह का जिक्र करे और खाने के वक़्त (भी) अल्लाह का जिक्र करे तो शैतान अपने साथियों से कहता है कि यहां न रात को रह सकते हो, न इन लोगों के रात के खाने में से कुछ खा सकते हो और अगर घर में दाखिल होते वक़्त अल्लाह का जिक्र नहीं किया तो शैतान अपने साथियों से कहता है कि यहां तुम्हें रात को रहने का मौका मिल गया और अगर खाने के वक़्त अल्लाह का ज़िक्र नहीं किया तो शैतान अपने साथियों से कहता है कि यहां तुम्हें रात को रहने के साथ खाना भी मिल गया।
- मिश्कात
Ghar me dakhil hone ki dua
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Thanks for reading: जब घर में दाखिल हो तो यह दुआ पढ़े, Sorry, my Hindi is bad:)