जब खाना खा चुके तो यह दुआ पढ़े
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ اَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلْنَا
مِنَ الْمُسْلِمِينَ ) ( ابن السنی )
अलहम्दुलिल्लाहिल्लजी अत आ मना वसा काना वजा अलना मिनल मुस्लिमीन०
तर्जुमा-
सब तारीफें खुदा के लिए हैं, जिसने हमें खिलाया और पिलाया और मुसलमान बनाया
-इनुस्सुन्ना
या यह पढ़े
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ هُوَ اَشْبَعَنَا وَاَرْوٰنَا وَ اَنْعَمَ عَلَيْنَا وَاَفْضَلَ
अलहम्दुलिल्ला हिल्लजी हुवा अश-ब-अ-ना व अर्वाना व अन-अमा अलैना व अफजल०
तर्जुमा-सब तारीफें खुदा ही के लिए हैं, जिसने हमारा पेट भरा और हमें सेराब किया और हमें इनाम दिया और बहुत दिया।
खाना खाने के शुरू में 'बिस्मिल्लाहि व अला ब-र-कतिल्लाहि और आखिर में इस दुआ के पढ़ लेने से कियामत के दिन इस खाने की पूछ न होगी।
- हिस्न (हाकिम)
या यह पढ़े
اَللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهِ وَاَطْعِمْنَا خَيْرًا مِّنْهُ
अल्लाहुम्मा बारिक लना फीहि व अतइमना खैरन मिन्हु० - तिर्मिजी
तर्जुमा - अल्लाह ! तू हमें इसमें बरकत फमा और इससे बेहतर नसीब फरमा।
या यह दुआ पढ़े
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِی اَطْعَمَنِیْ هَذَا الطَّعَامَ وَرَزَقَنِيهِ
مِنْ غَيْرِ حَوْلٍ مِّنِّى وَلَا قُوَّةٍ
अलहम्दुलिल्लाहिल्लज़ी अत अ-मनी हाज़त्तआमा व रजा कनीहि मिन गैरि हौलिम मिन्नी वला कुव्वतिन०
तर्जुमा-
सब तारीफें खुदा ही के लिए हैं, जिसने मुझे यह खाना खिलाया और मुझे नसीब किया बगैर मेरी ताकत और कोशिश के।
खाने के बाद इसको पढ़ लेने से पिछले गुनाह माफ हो जाते हैँ
मिश्कात
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Thanks for reading: जब खाना खा चुके तो यह दुआ पढ़े खाने के बाद की दुआ , Sorry, my Hindi is bad:)