अल्लाह के रजा की जरुरत Allah Ke Rja Ki Jarurat

Allah Ke Rja Ki Jarurat Allah Se Mohabbat Karna Auliya ye kram Se Mohabbat Karna Allah Ko Raji Karna Hazrat Khuwaja Hasan Basri Khuwaja Hasan Basri
Sakoonedil

 Allah Ke Rja Ki Jarurat

 Allah Se Mohabbat Karna

Auliya ye kram Se Mohabbat Karna

Allah Ko Raji Karna

Hazrat Khuwaja Hasan Basri

Khuwaja Hasan Basri 

Auliya



हज़रत खुवाजा हसन बसरी फरमाते हैँ जों शख्स किसी बद तबका के लोगों से राह वा रसम पैदा करता है तो दरअस्ल ये उसकी अपनी बुराई और शरारत का नतीजा है क्यूकि अगर उसकी सिरकत मे भलाई होती तो वोह अजखुद नेक वा जाहिर लोगों की सोहबत की तरफ रागिब होता



चुनानचे हर बुरे आदमी को किसी दूसरे शख्स या सोहबत पर इल्जाम लगाने के बजाये अपने आपको मलामत करना चाहिए कि वोह अपनी ना एहलीयत और नालाईकी के सबब बुराई के कुवे मे गिरा...



उन लोगों का सेवा करता है कि वोह सूफया के गिर्द अपनी खुवाहिसो की हुसूल के लिये जमा हो जाया करते हैँ और नाम निहाद सूफ़ी भी बन जाते हैँ उनमे से कई तो जब मतलब पूरा ना होतो अपनी राह लेते हैँ और सुफ़याये कराम के मुनकर भी हो जाते हैँ...


मगर जों लोग खुदा की रजा के खातिर औलियाये कराम के यहाँ हाजिर होते हैँ वोह ना सिर्फ सूफया की नज़र मे मकबूल वा मंजूर हो जाते हैँ बल्कि खुदा वन्दे करीम भी उनको बरगुजीदा मुकाम अता फरमाता है और यही फर्क है नेक और बद लोगों मे कि उन्हें दुनियावी मक़ासिद का हुसूल करना होता है जबकि नेक लोगों को आख़िरत की दौलत बुजुर्गानें दीन की नजरें करम और रसूलूल्लाह की सफाअत और अल्लाह की रजा दरकार होती है...

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Thanks for reading: अल्लाह के रजा की जरुरत Allah Ke Rja Ki Jarurat, Sorry, my Hindi is bad:)

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