Samjhane ka amli tariqa
Hazrat imam zafar sadiq
Allah ka didar
Allah ko dekhna
Ruhani nazarya
Auliya
समझाने का अमली तरीक़ा इमाम ज़फर सादिक samjhane ka amli Tariqa Hazrat Imam zafar Sadiq
अल्लाह ताला की जाते बा बरकत के बारे मे आपका नज़रया बहुत वाजेह और ठोस था एक मर्तबा किसी शख्स ने आपके पास आकर इस खुवाहिश का इजहार किया कि खुदा का दीदार करना चाहता है आपने उस शख्स से फरमाया किया तुझको मालूम नहीं कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से फरमाया गया था कि तू मुझे कभी नहीं देख सकता फिर तूने किस लिये इस खुवाहिश का इज़हार किया किया तुझे खुदा दिखाया जाये अगर कोई बातिन की निगाह से देखे तो उसे हर शै मे खुदा नज़र आयेगा...
वोह शख्स भी आसानी से मानने वाला ना था उसने हज़रत इमाम जफ़र सादिक से कहा हज़रत मूसा का मुआमला कुछ और था लेकिन ये तो उम्मते मोहम्मदी है जिस के बारे मे एक शख्स कहता है. मेरे क़लब ने अपने परवर दिगार को देखा. और दूसरा शख्स ये कहता है कि. मैं ऐसे रब की इबादत नहीं करता जों मुझे नज़र नहीं अता...
उस शख्स कि ये बाते सुन कर हज़रत इमाम ज़फर सादिक ने हुक्म दिया कि उस शख्स के हाथ पाओ बांध कर उसे दरया मे डाल दिया जाये जब उस शख्स का हाथ पैर बांध कर दरिया मे डाल दिया गया और पानी ने उसे ऊपर फैका तो उसने इमाम जफ़र सादिक से बहुत इलतेजा की मगर आपने उसकी एक ना सुनी और दरिया के पानी को हुक्म दिया कि उस शख्स को खूब अच्छी तरह से गोते दिये जाये...
दरिया के पानी ने आपके हुकुम के मुताबिक जब उस शख्स को खूब अच्छी तरह से पानी मे गोते दे दिये और वोह बर लब जान हो गया तब वोह गिड़गिड़ा कर अल्लाह ताला से इआनत का तलबगार हुआ हज़रत इमाम जफ़र ने जब ये देखा कि खुदा के दीदार का मुतालबा करने वाला रहे रास्त पर आगया है तो आपने उसे पानी से बाहेर निकलवाया...
थोड़ी देर बाद पानी से निकलने के बाद जब उस शख्स से हवास दुरुस्त हुये उस वक़्त हज़रत इमाम जफ़र ने उससे दरयाफ्ट फरमाया अब बताओ किया तुमने अल्लाह ताला को देख लिया वोह शख्स कहने लगा अये पिरो मुर्शिद जब तक मैं दुसरो कि इआनत को तलबगार रहा उसवक्त तक तो मेरे सामने एक हिजाब का पर्दा था लेकिन जब मैं अल्लाह ताला से इआनत का तालिब हुआ तो मेरे दिल मे कुछ ऐसी रौशनी और सुकून पैदा हुआ जिससे मेरी इज्जतरारी कैफियत जाती रही जैसा कि अल्लाह ताला का कौल है कि. कौन है जों हाजत मंद के पुकारने पर उसका जवाब दे...
इसपर इमाम जफ़र सादिक ने उस शख्स से फरमाया अये बन्दे जब तक तू अल्लाह ताला को ना पुकारा उस वक़्त तक तू झूठा था लेकिन अब तुम्हारा दिल ईमान को रौशनी से मुनावर हो चुका है...
Auliya
Sufi muslim
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Thanks for reading: समझाने का अमली तरीक़ा इमाम ज़फर सादिक samjhane ka amli Tariqa Hazrat Imam zafar Sadiq, Sorry, my Hindi is bad:)