Allah ki mazdoori ka azar
Hazrat habib ajami
Allah ke jiqar ki barqat
Allah se mohabbat
Auliya
एक मर्तबा बीवी ने कहा कि खुरदोनोश के लिये कुछ ना कुछ काम करना चाहिए तो आप मज़दूरी करने के लिये घरसे निकले दिन भर इबादत मे मशगूल रेह कर जब घर पहुचे तो बीवी ने सवाल किया किया लाये हो आपने जवाब दिया कि जिसकी मजदूरी की है वोह बहुत करम वाला है और उसके करम ही की वजा से मुझमे उजरत तलब करने की जुर्रत ना हो सकी लेकिन उसने खुदही कह दिया है कि दस दिन के बाद जब तुमको जरुरत होगी तो पूरी उजरत दे दूंगा...
फिर जब दस दिनके बाद जब आपको ख्याल आया कि आज घर पर जाकर किया जवाब दूंगा तो एक तरफ अपने तसव्वर मे गर्क चले जा रहे थे और दूसरी तरफ अल्लाह ताला ने एक बोरी आटा एक जबा सुदह बकरी घी शहेद और 300 दिरहम एक गैबी शख्स के जरिये आपके घर पंहुचा दिये और साथ ही ये पैगाम दिया कि हबीब से कह देना कि अपने काम को तरक्की दे जिसके सिला मे हम इससे भी ज़ियादा मजदूरी देंगे...
चुनानचे जब आप घर के दरवाजे पर पहुचे तो घर मेसे खाने की खुश्बू आरही थी अंदर जाकर बीवी से सुरते हॉल दरयाफ्ट की तो उसने पूरा वाक़्या और पैगाम आप तक पंहुचा दिया ये सुन कर आपको ख्याल आया कि जब सिर्फ दस दिन की अदम तवज्जा की रियाजत वा इबादत का अल्लाह ताला ने बदला अता फरमाया है तो ज़ियादा दिल जमई के साथ इबादत करू तो ना जाने किया इनामात होंगे चुनानचे उसी दिन दुनिया को छोड़ कर उस दर्जा इबादत मे गर्क हो गये कि मुस्तजाब अल दावात के दर्जे को पहुंच गये और आपके दुआओ से मखलूक को बहुत मुफ़ादात हासिल हुआ...
Sufi muslim
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Auliya
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Thanks for reading: अल्लाह की मज़दूरी का अजर Allah ki mazdoori ka azar hazrat habib Ajami, Sorry, my Hindi is bad:)