Allah par bharosa aur yakin kamil
Hazrat Khuwaja hasan basri
Hazrat Habib Ajami
Wali allah
खुवाजा हसन बसरी और आपके दरमियान बड़ा गहरा ताल्लुक़ था एक रोज आप अपने घरमे जों चौराहे पर वाक़ये था वहा ग़ुस्ल के लिये चले गये आपके कपडे घरसे बाहेर की तरफ दिवार पर लटके हुऐ थे और खुवाजा हसन बसरी का उधर से गुजर हुआ और उनको आपके लिबास की खुसबू आई और वोह ठहर गये कि इन खुसबू भरे कपड़ो को कोई चोर ना उठाकर लें जाये और काफ़ी देर खड़े होकर हबीब अजमी के लिबास की निगरानी करते रहे...
जब हबीब अजमी वापस अये तो कपडे के पास खुवाजा हसन बसरी को खड़े पाया और पूछा आप यहाँ कैसे खड़े हैँ जवाब मिला यहाँ से गुजर रहा था दिवार पर आपके कपडे देखे तो इस ख्याल से रुक गया कि कही कोई चोर आकर आपके कपडे ना उठा लें इसके बाद खुवाजा हसन बसरी ने पूछा कि आपने किसके भरोसे पर दिवार पर लटका दिये थे अगर चोरी हो जाते तो हबीब अजमी ने जवाब दिया कि अगर कपडे चोरी हो जाते तो जिसने ये कपडे दिये थे वोह और दे देता दूसरे ये कि मेरे कपड़ो की निगरानी के लिये जिसने आपको भेजा है उसी के भरोसे पर मैं कपडे यू छोड़ कर चला गया था खुवाजा हसन बसरी लाजवाब होकर वापिस तसरीफ लें गये
Sufi muslim
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Wali allah
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Thanks for reading: अल्लाह पर भरोसा और यकीन कामिल Allah par bharosa aur yakin kamil, Sorry, my Hindi is bad:)