दरूद भेजना वाज़िब या मुस्तहिब
Darood Bejna wajib ya mustahib
islamic waqia in hindi
इस्लामिक वाक्या इन हिंदी
Darood bhejna kaisa
दरूद भेजना कैसा
Wali allah kramat
वली अल्लाह क़ी करामत
दरूद शरीफ
Darood sharif
इस्लाम हिंदी
Islam hindi
सुफी इस्लाम
Sufi islam
वजीफा
Wazifa
वली अल्लाह
वली
Wali
दुआ
Dua
कुछ उलमा का कौल है की उम्र भर में एक मर्तबा आप पर दरूद वाजिब है फिर मुस्तहिब है क़ी आयत की तमील हो जाए काजी अयाज ने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम पर दरूद भेजने के वजूब को बयान फरमाकर उसी कौल की ताइद की है लेकिन तिबरी रहमातुल्ला अलै फरमाते हैं की आयत से तो इस्तेहबाब ही साबित होता है और इस पर अजमा का दावा क्या है बहुत मुमकिन है कि उनका मतलब भी यही हो की एक मर्तबा वाजिब फिर मुस्तहिब जैसे आपकी नबूवत की गवाही लेकिन मैं कहता हूं ऐसे बहुत से औकात है जिन मे हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दरूद पढ़ने का हमें हुकुम मिला है लेकिन बाज वक्त वाजिब है और बाज जगह वाजिब नहीं
मुसनद की हदीस में है जब तुम अजान सुनो तो जो मुज्जिन कह रहा है तुम भी कहो फिर मुझ पर दरूद भेजो एक के बदले 10 दरूद अल्लाह तुम पर भेजेगा फिर मेरे लिए वसीला मांगो जो जन्नत की एक मंजिल है और एक ही बंदा उसका मुस्तहिक है मुझे उम्मीद है कि वोह बंदा मैं हूं सुनो जो मेरे लिए वसीला का दुआ करता है उसके लिए मेरी सफाअत हलाल हो जाती है पहले दरूद की जकात होने की हदीस में भी उसका बयान आ चुका है फरमान है कि जो शख्स दरूद भेजें उसके लिए मेरी सफाअत कयामत के दिन वाजिब हो जाएगी,,,
दरूद भेजना वाज़िब या मुस्तहिब
Durood sharif
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Thanks for reading: दरूद भेजना वाज़िब या मुस्तहिब Darood Bejna wajib ya mustahib, Sorry, my Hindi is bad:)