Hazrat Julnoon misri ka ruhani tasarruf
Ruhani amliyat
Hazrat Julnoon Misri
Wali allah kramat
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Wali
Dua
हजरत जुलनून मिश्री का रूहानी तसर तसर्रुफ
एक दिन हजरत जुलनून मिश्री चंद साथियों के साथ दरिये नील में कश्ती पर जा रहे थे उस वक्त दोस्तों के मुताबिक कस्तियो का मुकाबला हो रहा था मिश्रियों का दस्तूर था कि वोह कश्तियों में सवार होते और जब दूसरी कश्ती कोई करीब आती तो उसमें सवार लोग गाने बजाने का सगल करते और खूब सोर गुल मचाते हैं चुनानचे कोई कश्ती हजरत जुलनून मिश्री की कश्ती के करीब आई और उसमें सवार गाने बजाने वालों ने खूबसोर गुल और हंगामा किया तो हज़रत जुलनून मिश्री के सागिरदों ने अर्ज किया
या शैख़ उनके लिए यह दुआ कीजिए कि ही अल्लाह ताला इन सबको कर गर्क करदे ताकि इन सब की हंगामा आराई से सबको निजात हासिल हो हजरत जुलनून मिश्री खड़े हो गए और हाथ उठा कर दुआ की या अल्लाह जिस तरह तूने दुनिया में इन लोगों को खुशियां बक्शी है उसी तरह उस जहां में भी इनको खुशी वा मुसर्रत अता फरमा सागीरदों ने ये दुआ सुनी तो हैरत जदा हो गये और जब वोह कश्ती और ज्यादा करीब आई और उनकी नज़रें जब हज़रत जुलनून मिश्री पर पड़ी तो बेइख्तियार रोने लगी उन्होंने उसी वक्त साज वगैरा तोड़ दिये और तायेब हो गए
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Thanks for reading: हजरत जुलनून मिश्री का रूहानी तसर तसर्रुफ Hazrat Julnoon misri ka ruhani tasarruf, Sorry, my Hindi is bad:)