हज़रत मालिक बिन दीनार की दानाई Hazrat Malik Bin Dinar Ki Danai

Hazrat Malik Bin Dinar Ki Danai Hazrat Malik Bin Dinar Sood Khori Aur Kam Tolna हज़रत मालिक बिन दीनार की दानाई
Sakoonedil

 Hazrat Malik Bin Dinar Ki Danai

Hazrat Malik Bin Dinar

Sood Khori Aur Kam Tolna

हज़रत मालिक बिन दीनार की दानाई 


खुद सनाशी के साथ आप लोगों को प्रखते और उनके बातिन को समझने की सलाहियत बदरजा अतम मौजूद थी मसलन एक मर्तबा हज़रत मालिक बिन दीनार किसी मरीज की मिजाज प्रस्ती के लिये तशरीफ़ लें गये वहा पहुंच कर जब आपने देखा कि मरीज करीब अल मर्ग है और ज़िन्दगी के आखरी सांस गिन रहा है तो आपने उसे कलमा पढ़ने की तलकीन फरमाइ लेकिन जब वोह कलमा पढ़ने के बजाये बार बार दस गियारह कहता रहा तो आपने उसका सबब दरयाफ्ट किया...




आपने जब एक मर्तबा फिर कलमा पढ़ने के लिये कहा तो मरीज ने नकाहत के आलम मे बताया कि जब वोह कलमा पढ़ने की कोशिश करता है तो उसके सामने आग का पहाड़ आजाता है और आग के शोले उसकी जानिब लपकते हैँ हज़रत मालिक बिन दीनार ने मरीज के पास खड़े दूसरे लोगों से पूछा किया यह शख्स सूद का कारोबार करता है लोगों ने कहा हाँ आला हज़रत ये तो बिलकुल सच है लेकिन आपने कैसे जाना इसपर हज़रत मालिक बिन दीनार ने फरमाया जिस शख्स को दम आखिर दुसवारी नज़र आये तो समझ लो कि वोह कम तोलने वाला और सूद खाने वालों मे से था

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Thanks for reading: हज़रत मालिक बिन दीनार की दानाई Hazrat Malik Bin Dinar Ki Danai, Sorry, my Hindi is bad:)

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