हजरत बा यजीद बस्तामी बुढ़िया और शेर करामत islamic story in hindi
लोगों ने जब हजरत बा यजीद बस्तामी से ये सवाल किया कि आपका मुर्शिद कौन है, फरमाया कि एक बूढी औरत, इसलिये कि मैं जंगल में था कि एक बुढ़िया सर पर आटा रखे हुए मिली और मुझसे कहने लगी कि ये आटा मेरे मकान तक पहुंचा दो इस दौरान मुझे एक शेर नजर आ गया और मैंनें आटा उसकी कमर पर रखकर बुढ़िया से कहा कि जाओ ये तुम्हारे घर पर पहुंचा देगा लेकिन तुम ये बताती जाओ की शहर में जाकर लोगों से क्या कहोगी बुढ़िया ने कहा कि मैं ये कहूँगी कि आज जंगल में मेरी मुलाकात एक खुदनुमा जालिम से हो गई,
Islamic Story in hindi
आपने पूछा कि मुझे एक खुदनुमा जालिम का खाताब क्यों दिया बुढ़िया ने कहा कि सरियत ने शेर को मुकल्लिफ नहीं बनाया और तुम एक गैर मुकल्लिफ की पुस्त पर अपना बोझ लाद रहे हो ये जुल्म नहीं तो फिर क्या है और दूसरा ऐब तुम्हारे अंदर ये है कि तुम खुद को लोगों पर साहबे करामत जाहिर करना चाहते हो और इसी का नाम खुद नुमाई है चुनानचे मैंने बुढ़िया की बात से ऐसी नसीहत वा इब्रत हासिल की कि हमेशा के लिये ऐसी चीजों की इजहार से तौबा कर ली बस इस वजह से मैं उस बुढ़िया को अपना मुर्शिद तस्लीम करता हूं और अब मेरी ये हालत है कि हर करामत पर मैं अल्लाह ताला की तस्दीक का तालिब हूं और इस तस्दीक के लिये उस दिन से एक नूर जाहिर होता है जिस पर सब्ज हरुफ में ये कलमात तहरीर होते हैं
ला इलाहा इलल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह, नूह नबी अल्लाह, इब्राहिम खलीलुल्लाह, मूसा कलीमुल्लाह, ईसा रुहुल्लाह अलैहिस्सलातो वस्सलाम जिससे ये अंदाजा हो जाता है की ये पांच शहादते मेरी करामात की शाहिद है
Auliya allah
औलिया अल्लाह
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Hazrat Ba yazid bastami
हजरत बा यजीद बस्तामी
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Thanks for reading: हजरत बा यजीद बस्तामी बुढ़िया और शेर करामत islamic story in hindi, Sorry, my Hindi is bad:)