हजरत इब्राहिम बिन अधम और उनके लड़के का वाक्या
Ibrahim bin adham
Ibrahim bin adhamजब आपने बल्ख की सलतनत को खैर बाद कहा तो उसवक़्त आपका एक बहुत छोटा सा बच्चा था और उसने जब जवानी मे पूछा कि मेरे वालिद कहाँ हैँ? तो वालदा ने पूरा वाक्या बयान करने के बाद बताया कि वोह इस वक़्त मक्का मुअज्जमा मे मुकीम हैँ इसके बाद उस लड़के ने पुरे शहर मे ऐलान करा दिया कि जो लोग मेरे साथ सफरे हज चलना चाहें मैं उनके पुरे खर्चे उठा उंगा ऐ ऐलान सुनकर तक़रीबन चार हजार लोग चलने को तय्यार हो गये जिन को वोह लड़का अपने साथ लेकर वालिद की दीदार की तमन्ना मे काबा तुल्लाह पहुंच गया और जब उसने मशाइखिने हरम से अपने वालिद के बारे मे पूछा तो उन्होंने कहा कि वोह तो हमारे मुर्शिद हैँ और इस वक़्त जंगल मे इस नियत से लकड़ियां लेने गये हैँ कि उसे बेच कर अपने और हमारे खाने का इन्तेजाम करें,
ये सुनते हि लड़का जंगल की तरफ चल पड़ा और एक बूढ़े को सर पर लकड़ियों का बोझ लाते देखा मोहब्बत से वोह बेताब हो गया लेकिन बतौरे सादत मंदी और ना मालूम होने के ख़ामोशी के साथ आपके पीछे बाजार आ पहुंचा और जब वहाँ जाकर हजरत इब्राहीम ने आवाज लगाई कि कौन है जो पाकीजा माल के बदले पाकीजा माल खरीदे ये सुनकर एक शख्स ने रोटियों के बदले मे लकड़ियां खरीद ली जिनको आपने अपने इरादत मंदो के सामने ले जाकर रख दिया और खुद नमाज मे मशगूल हो गये आप अपने इरादत मंदो को हमेशा ये हिदायत फरमाया करते कि कभी किसी औरत या बे रेश लड़के को नज़र भर कर ना देखना और कुसूसन उस वक़्त बहुत मोहतात रहना जब अय्यामे हज के दौरान कशीर औरते और बेरेश लड़के जमा हो जाते हैँ और सब लोग इस हिदायत के पाबंद रहते हुऐ आपके साथ तवाफ मे शरीक रहते,
Ibrahim bin adham
लेकिन एक मर्तबा तवाफ करते हुऐ आपका लड़का सामने आगया और बे साख्ता आपकी निगाहें उसपर जम गई और तवाफ से फारिग होने के बाद आपके इरादत मंदो ने अर्ज किया कि अल्लाह आपके ऊपर रहेम फरमाये आपने जिससे हमें बचने की हिदायत की थी उसमे आप खुदहि मलूस हो गये किया आप इसकी वजा बयान कर सकते हैँ? आपने फरमाया कि ये बात तो तुम्हारे इल्म मे हि नहीं है कि जब मैंने बल्ख़ को खैर बाद कहा तो उस वक़्त मेरा छोटा सा बच्चा था और मुझे यकीन है कि ये वही बच्चा है फिर अगले दिन आपका एक मुरीद बल्ख़ के काफला की तलाश करता हुआ वहाँ पहुंचा तो देखा कि वही लड़का साही खेमा मे एक कुर्सी पर बैठा था,
Ibrahim bin adham
तिलावते क़ुरआन कर रहा है और जब उसने आपके मुरीद से आने का मकसद पूछा तो मुरीद ने सवाल किया कि आप किसके साहेब जादे हैँ ये सुनते हि उस लड़के ने रोते हुऐ कहा कि मैंने अपने वालिद को नहीं देखा लेकिन कल बुढ़े लक्ड़हारे को देख कर ये महसूस हुआ कि सायद यहि मेरे वालिद हैँ और अगर मैं उनसे पूछ गुछ करता तो अंदेशा था कि वोह फरार हो जाते कियोकि वोह घर से फरार हैँ और उनका इस्म ग्रामी इब्राहिम बिन अधम है ये सुनकर मुरीद ने कहा कि चलये मैं उनसे आपकी मुलाकात करवा दू और अपने साथ आपके बीवी और लड़के को लेकर बैतूल्लाह मे दाखिल हो गया और जिस वक़्त बीवी और बच्चे की आप पर नजर पड़ी तो फ़ौरन मोहब्बत से बेताबाना दोनों लिपट गये और रोते रोते बेहोश से हो गये और होश आने के बाद जब हजरत इब्राहीम ने पूछा कि तुम्हारा दीन किया है? तो लड़के ने जवाब दिया इस्लाम! फिर सवाल किया कि किया तुमने कुरआन करीम पढ़ा है लड़के ने हाँ मे जवाब दे दिया -
Ibrahim bin adham
फिर पूछा इसके इलावा और भी कुछ तालीम हासिल की है? लड़के ने कहा जीं हाँ ये सुनकर फरमाया कि अल्हम्दुलिल्लाह इसके बाद जब आप जाने के लिये उठे तो बीवी और बच्चे ने इसरार करके आपको रोक लिया जिस के बाद आपने आसमान की तरफ चेहरा उठा कर कहा कि इलाही अगिसनी ये कहते हि आपके साबजादे जमीन पर गिर पड़े और फौत(इन्तेकाल या मरजाना)हो गये और जब इरादत मंदो ने सबब पूछा तो फरमाया कि जब मैं बच्चे से हम आगोश हुआ तो वफुरे जज़्बात और फरते मोहब्बत से बेताब हो गया और उसी वक़्त ये निदा आई कि हमसे दोस्ती के दावे के बाद दूसरे को दोस्त रखता है ये निदा सुनकर मैंने अर्ज किया कि या अल्लाह तू लड़के की जान लेले या फिर मुझे मौत देदे चुनानचे लड़के के हक मे दुआ कबूल हो गई और उसपे अगर कोई ऐतराज करे तो मेरा ये जवाब है कि ये वाक्या हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के वाक्या से जियादा तहरीर खेज नहीं कियोकि उन्होंने भी तामीले हुकुम मे अपने बेटे को कुर्बान कर देने की ठान ली थी,
Ibrahim bin adham
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Thanks for reading: हजरत इब्राहिम बिन अधम और उनके लड़के का वाक्या Ibrahim bin adham, Sorry, my Hindi is bad:)