आले रसूल की इज्जत का सिला Aale Raool Ki Izzat Ka Sila
Hindi Storiesहजरत जुनेद बगदादी फनुने सिपा गरी मे एकताये जमाना थे खूसूसन पहलवानी मे बड़े नामी ग्रामी एक बार एक शख्स आया और बादशाह से कहा मैं तुम्हारे पहलवान से लड़ूंगा बादशाह ने कहा हमारा पहलवान बड़ा जबरदस्त है तुम दुबले पतले आदमी भला उससे किया लड़ोगे मगर वोह शख्स ना माना और बहुत इसरार किया आखिर दंगल हुआ जब हजरत जुनेद ख़म ठोककर मुकाबिल आये और दोनो की पकड़ होने लगी तो उस शख्स ने चुपके से उनके कान मे कहा, मैं सय्यद हूँ, मोहताज हो आइंदा तुमको इख़्तियार है, हजरत जुनेद लड़ते लड़ते गिर पड़े जब तो बड़ा शौर गुल हुआ बादशाह ना माना, दुबारह कुस्ती कराई फिर पिछड़ गये, तीसरी बार कुस्ती हुई फिर चारो खाना चित आखिर बादशाह ने उसको इनाम दिया और हजरत जुनेद को बुलाकर पूछा कि सच कहो ये किया बात थी आपने असल हाल बयान कर दिया बादशाह बहुत मुताजुब हुआ और मजमा आम मे अपनी जिल्लत और सय्यद की इज्जत गवारा की फिलहकीकत ये बड़ी पहलवानी और बहादुरी थी, उसी सब रसूले खुदा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम को हजरत जुनेद ने खुवाब मे देखा कि फरमाते हैँ कि शाबास जुनेद तूने हमारी औलाद के साथ सुलूक किया हम भी तेरे साथ सुलूक करेंगे दूसरे रोज बादशाही मुलाजमत तर्क की और फुकरा की जुस्तजू मे फिरने लगे आखिर अपने मामू हजरत सिर्री सकती से बैत हुऐ,
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Thanks for reading: आले रसूल की इज्जत का सिला Aale Raool Ki Izzat Ka Sila , Sorry, my Hindi is bad:)