ईमान की तकमील अबु बकर सिबली Iman Ki Takmil Abu Bakr Sibli
Poemहजरत अबु बकर सिबली इबतेदा मे नहा विंद नामी जघा के सरदार थे और जब तमाम अमीरों और सरदारों को दरबारे खिलाफत मे तलब किया गया तो आप भी वहाँ तशरीफ़ ले गये और जिस वक़्त खलीफा सबको खलअत अता करके रुखसत करने वाला था उस वक़्त एक अमीर को छींक आई और उसने खलअत की आस्तीन से नाक साफ करली जिसकी सजा मे खलीफा ने खलअत वापस लेकर उसको बर तरफ कर दिया उस वक़्त आपको ये तंबिया हुई कि जो शख्स मखलूक की अता करदा खलअत से गुस्ताखी करके ऐसी सजा का मस्तूजिब हो सकता है तो खुदा की अता करदा खलअत के साथ गुस्ताखी करने वाले की तो ना जाने किया सजा होगी इस ख्याल के बाद आपने आकर खलीफा से अर्ज किया कि तू मखलूक होकर इस चीज को ना पसंद करता है कि कोई तेरी अता करदा खलअत से बे अदबी ना करे जबकि तेरी खलअत के मालिक अल मुल्क की खलअत के सामने कोई हकीकत नहीं लेहाजा उसने मुझको अपनी मुआर्फ़त की जो खलअत अता फरमाइ है मैं भी ये पसंद नहीं करता कि उसको एक मखलूक के सामने कशीफ कर दूँ ये कहकर दरबार से बाहर निकले और हजरत खैर निसाज के हाथ पर जाकर बैत हो गये और कुछ अरसा उनसे फैज हासिल करने के बाद उन्हीं के हुकुम से हजरत जुनेद बगदादी की खिदमत मे पहुंच गये और उनसे अर्ज किया कि लोगों ने मुझे ये बताया है कि आपके पास एक गौहर नायाब है लेहाजा आप उसको या तो मेरे हाथ क़ीमतन फ्रॉख्त करदे या फिर बगैर कीमत के दे दें हजरत जुनेद ने फरमाया कि अगर मैं फ्रॉख्त करना चाहूं तो तुम खरीद नहीं सकते कियोकि तुम्हारे अन्दर कुव्वते खरीद नहीं है और अगर मुफ्त देदू तो तुम उसकी कदर वा कीमत नहीं समझ सकोगे कियोकि बला मेहनत के हासिल करदा शै की कोई कदर वा कीमत नहीं होती लेहाजा अगर तुम वोह गौहर हासिल करना चाहते होतो बहर तौहीद मे गर्क होकर फना हो जाओ फिर अल्लाह ताला तुम्हारे ऊपर सब्र वा इन्तेजार के दरवाजे कुशादा कर देगा और जब तुम दोनों को बर्दास्त करने के काबिल हो जाओगे तो वोह गौहर तुम्हारे हाथ लग जायेगा फिर आपने हजरत जुनेद से पूछा कि अब मुझे किया करना चाहिये? उन्होंने फरमाया कि तुम एक साल तक गंधक बेचते फिरो चुनानचे एक साल तक तामील हुकुम करते रहे,
फिर हजरत जुनेद ने फरमाया कि अब एक साल तक भीख मांगो चुनानचे आपने एक साल तक ये भी किया हत्ता कि आपने बगदाद के हर दरवाजे पर भीख मांगी लेकिन कभी आपको किसी ने कुछ नहीं दिया और जब इसकी शिकायत आपने हजरत जुनेद से की तो उन्होंने मुस्कुराकर फरमाया कि अब तो तुम्हे शायद अंदाजा हो गया होगा कि मखलूक के नजदीक तुम्हारी कोई हैसियत नहीं लेहाजा अब कभी मखलूक से दिल बस्तगी का ख्याल ना करना और ना किसी चीज पर मखलूक को फ़ौकीयत देना फिर हजरत जुनेद ने हुक्म दिया कि चुंकि तुम निहा विंद के अमीर रह चुके हो लेहाजा वहाँ जाकर हर फर्द से मुआफी तलब करो चुनानचे आपने वहाँ पहुंच कर बच्चे बच्चे से मुआफी चाही लेकिन एक शख्स वहाँ मौजूद नहीं था तो इसके बजाये लाख दिरहम खैरात किये लेकिन इसके बावजूद भी आपके कल्ब मे खल्स बाकी रेह गई और जब दुबारह हजरत जुनेद की खिदमत मे हाजिर हुऐ तो उन्होंने फरमाया अभी तुम्हारे कल्ब मे हुबे जाह बाकी है लेहाजा एक साल तक और भीख मांगते रहो लेहाजा भीख के जरिये जो कुछ मिलता उसको हजरत जुनेद के पास लाकर फुकरा मे तक्सीम कर देते लेकिन आप खुद भूखे रहते फिर साल के इखतेमाम पर हजरत जुनेद ने वादा किया कि अब तुम्हे अपने सोहबत मे रखूँगा बशर तैं कि तुम्हे फुकरा की खिदमत गुजारी मंजूर हो चुनानचे आप एक साल तक फुकरा की खिदमत गुजारी मे मशगूल रहे फिर हजरत जुनेद ने पूछा कि अब तुम्हारे नजदीक नफ़्स का किया मुकाम है? आपने जवाब दिया कि मैं खुदको तमाम मखलूक से कमतर तसव्वर करता हूँ ये सुनकर हजरत जुनेद ने फरमाया कि अब तुम्हारे ईमान की तकमील हो गई है,
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Hazrat Abu Bakr Sibli
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Thanks for reading: ईमान की तकमील अबु बकर सिबली Iman Ki Takmil Abu Bakr Sibli, Sorry, my Hindi is bad:)