सुल्तान महमूद की वफात Sultan Mahmud Ki Wfat
सालार मसूद के गजनी से आ जाने के बाद खुवाजा अहमद वजीरे अजम को एक तरह का इतमेनान हासिल हो चुका था लेकिन सुल्तान महमूद को बहर हाल एहसास हो चला था कि खुवाजा अहमद का वजूद दौलते गजनाविया के लिये फाल नेक साबित ना होगा ये एहसास उनको उस वक़्त और जियादा हुआ जब हजरत सय्यद सालार मसूद गाजी की तरह दूसरे और भी जां निसारों ने खुवाजा अहमद मेमंदी की बद इखलाकी से तंग आकर गजनी को छोड़ कर हिंदुस्तान की तरफ रवाना हो गये उनमे पांच काबिले जिक्र सरदार हैँ सय्यद अजलुद्दीन, महि बख्तियार, सैफुद्दीन मलक,मलक दौलत शाह, मियां रज्जब सालार, बादशाह को बुढ़ापे मे इन तकलीफो ने और निढाल कर दिया था इस लिये सुल्तान ने शख्ती शुरू करदी और सुल्तान ने खुवाजा अहमद मेमंडी को वजारत से निकाल दिया और उसकी जघा अमीर जंग मीकाईल को वजारते अजमा का मुंसिब अता किया और खुवाजा अहमद को 421हिजरी मे कलंजर के किले मे नजर बन्द कर दिया जहाँ 3साल के बाद उसकी मौत वाके हो गई खुवाजा अहमद को वजारत से माजूल करने के चंद हि माह बाद 30 रबीउल अव्वल 430 हिजरी बरोज जुमेरात 63 साल की उम्र मे सुल्तान महमूद गजनवी का भी वसाल हो गया, इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैहिर्राजीऊन-
सुल्तान के वसाल के बाद हुकूमते गजनाविया का सुनेहरा बाब महू हो गया इधर ममुलकत इस्लामिया सौ गवार हो गई वोह बा हमियत गैरत मंद सुल्तान दुनिया से रू पोश हो गया- मगर, नंगे, भूखे, फाका कस,मजदूरों,यतिमों, बेवाओं,मजलूमो, दुखियारों, और दर्द मंदो की बे आवाज चीखे किसी ऐसे महमूद को आवाज देती रहेंगी,
तू हमात के लाखों सनम कदों का वजूद
तर्स रहा है किसी एक गजनवी के लिये,
सुल्तान महमूद की वफात Sultan Mehmud Ki Wfat
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Thanks for reading: सुल्तान महमूद की वफात Sultan Mahmud Ki Wfat, Sorry, my Hindi is bad:)