हर काम अल्लाह की रजा के लिये अबूल हसन नूरी
हजरत अबुल हसन नूरी हर काम खुदा की खुशनुदी और तस्लीम वा रजा के लिये किया करते थे उनका कहना था कि जब खुदा खुश हो जाता है तो खलके खुदा खुद बखुद खुश हो जाती है लेकिन जो शख्स बन्दों की रजा और ख़ुश नुदी के लिये कोई नेक काम करता है तो वोह अपने हाथों से अपनी नेकी को बर्बाद कर देता है कहते हैँ कि एक मर्तबा बगदाद मे शख्स आग लगी जिसके नतीजे मे बेशुमार लोग जल कर राख हो गये इत्तेफाक से उस आग मे एक बहुत बड़े रईस के कुछ खास गुलाम भी फसे हुऐ थे चुंकी रईस को भी अपनी बे पनाह दौलत का गुरुर था और वोह दौलत के बल बूते पर जायज वा नाजायज काम करवाने का आदी था चुनानचे उस मौके पर भी उसने इलान कर दिया कि जो कोई मेरे गुलामों को इस आग से बाहर निकालेगा उसे वोह दो हजार दीनार इनाम देगा,
हुस्ने इत्तेफाक से हजरत अबुल हसन नूरी भी वहाँ से गुजर रहे थे आपने फौरन बा आवाज़ बिस्मिल्लाह पढ़ी और उस आग मे कूद कर रईस के दोनों गुलामों को पल भर मे बाहर निकाल लाये हैरत की बात ये थी कि आगने आपको जर्रा बराबर भी नुकसान ना पहुंचाया उधर जब रईस को ये बतलाया गया कि आपने रईस के दोनों गुलामों को जिन्दा सलामत आग से बाहर निकाल लिया है तो उसने फौरन आपको तलब किया जब आप वहाँ तसरीफ ले गये तो रईस ने दो हजार दीनार की थैली हजरत नूरी के हाथ मे थमाते हुऐ कहा आपने हमारे एलान के मुताबिक हमारे गुलामों को बचाया अब हम अपने वादे के मुताबिक आपको इनाम पेश करना चाहते हैँ रईस की बात सुनकर आप शख्त बरहम हुऐ और फरमाने लगे आये अमीर शख्स मेरा इनाम तो मुझे अल्लाह की तरफ से मिल गया कि उसने मेरे वसीले से दो आदमियों को नई जिंदगी देदी लेकिन तुम जैसे रईस चन्द हजार दिनारों के बदले मे इंसानों की जिंदगी बचाने पर कादिर होते तो कभी कोई शख्स ना मरता रईस आपकी बात सुनकर इस कदर मुतास्सिर हुआ कि उसने अपना सारा माल वा असबाब अल्लाह की राह मे तक्सीम कर दिया और हमेशा के लिये आपके इरादत मंन्दों मे शामिल हो गया
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Thanks for reading: हर काम अल्लाह की रजा के लिये अबूल हसन नूरी , Sorry, my Hindi is bad:)