सब्र का ताल्लुक हिम्मत और बहादुरी से हैँ
हजरत अबुल हसन नूरी हमेशा लोगों को तलकीन किया करते थे कि मसाइब को हमेशा हसीं ख़ुशी बर्दास्त करना चाहिए कियोकि तकलीफ और मसाइब भी अल्लाह की तरफ से अपने बन्दों के लिये एक इनाम होता है एक मर्तबा कुछ लोग एक बूढ़े बुजुर्ग शख्स को परेशान तंग करते हुऐ कैद खाने के तरफ पंहुचा रहे थे वोह इन्तहाई सब्र वा जब्त के साथ ख़ामोशी से ये जुल्म वा सितम बर्दास्त करता जा रहा था हजरत नूरी ने कैद खाने मे जाकर उस शख्स से पूछा कि इस कदर नकाहत और कमजोरी के बावजूद उसने ये जुल्म कैसे बर्दास्त कर लिया उसने जवाब दिया कि सब्र का ताल्लुक हिम्मत और बहादुरी से होता है ना कि ताकत वा कुंववत से आपने उस बूढ़े शख्स से पूछा कि उसके नजदीक मसाइब का किया मफ़हूम है उसने जवाब दिया कि मसाइब को उसी तरह खुशी खुशी बर्दास्त करना चाहिए जिस तरह लोग मसाइब से निजात हासिल करके मसरूर होते हैँ हजरत नूरी ने उसके ख़यालात की तारीफ करते हुऐ फरमाया कि आग के सात समंदर पार करने के बाद मुआर्फ़त हासिल होती है और जब ऐसा हो जाता है तो अव्वल आखिर का इल्म हो जाता है
हजरत अबुल हसन नूरी की करामत
हजरत नूरी एक साहबे करामत बुजुर्ग थे आपके फैज से ऐसी ऐसी करामत रोनुमा हुई कि जिनको अकल वाले नहीं सिर्फ अहले दिल अहले खाना ही तस्लीम कर सकते हैँ एक मर्तबा आप कहीं सफर पर जा रहे थे कि रास्ते मे एक आदमी को देखा जो अपने गधे के पास बैठा रो रहा था आपने उसके करीब जाकर पूछा कियों भाई किया बात है तुम कियों रो रहे हो वोह शख्स बोला हजरत किया बताऊ मैं अपना माल असबाब लेकर कहीं जा रहा था कि दौराने सफर मेरा गधा अचानक बीमार होकर मरने के करीब हो गया अब मैं इस तसव्वर मे रो रहा हू कि कैसे अपना माल वा असबाब उठाकर मंजिले मक़सूद तक पहुँचूँगा कियोकि मेरी मंजिल यहाँ से कोसों दूर है हजरत अबुल हसन नूरी ने एक नजर गधे पर डाली और फिर गधे को ठोकर मर कर फरमाने लगे किया ये तुम्हारे बीमार होने का वक़्त है चलो उठो और अपने मालिक का सामान उसकी मंजिल तक पहुचाओ हजरत नूरी का हुक्म सुनते ही गधा एकदम से उठके खड़ा हो गया और वोह मुसाफिर अपना माल समान लेकर अपनी मंजिल की तरफ रवाना हो गया
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Thanks for reading: सब्र का ताल्लुक हिम्मत और बहादुरी से हैँ, Sorry, my Hindi is bad:)