यहया बिन मुआज को अल्लाह के रसूल की बसारत

यहया बिन मुआज को अल्लाह के रसूल की बसारत
Sakoonedil

 यहया बिन मुआज को अल्लाह के रसूल की बसारत 

यहया बिन मुआज को अल्लाह के रसूल की बसारत


हजरत यहया बिन मुआज दूसरों की परेशानियों और मुश्किलों को हल करने मे इस कदर दिल चसबी लेते थे कि उनकी वजा से कई कई दिनों तक आप खुद परेशानियों मे मुबतिला रहते थे मगर कभी हरफे शिकायत जुबान पर ना लाते थे आप एक लाख दिरहम के इसलिये कर्जदार हो गये कि हाजियो नमाजियो फुकरा सुफिया और उलमा वगैरह को दूसरों से कर्ज लेकर दिया करते थे चुनानचे जब कर्जा देने वालों ने तकाजा शुरू किया तो आपको जुमा की सुबह खुवाब मे हुजूर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की जीयारत नसीब हुई तो आप फरमा रहे थे कि आये यहया रंजीदा ना हो तेरे लिये हुक्म है कि तू शहर मे जाकर तकरीर कर और मैं एक शख्स को हुकुम दे दूंगा कि वोह तुझे तीन लाख दिरहम देदे चुनानचे यहया बिन मुआज ने सबसे पहले निशा पुर मे पहुंच कर फरमाया कि मैं खुदा के नबी के हुकुम से शहर दर शहर तकरीर के लिये निकला हू कियोकि मैं एक लाख दिरहम का कर्ज दार हो चुका हू और हुजूर ने फरमाया है कि एक शख्स तेरा कर्ज अदा कर देगा यहया बिन मुआज की ये बात सुनकर एक शख्स ने पचासी हजार दिरहम दूसरे ने दूसरे ने चालिस हजार दिरहम और तीसरे ने दस हजार दिरहम की पेशकश की लेकिन आपने फरमाया कि मुख्तलिफ लोगों से मुझे कर्ज की अदाईगी मंजूर नहीं कियोकि मुझे तो हुक्म ये मिला है कि सिर्फ एक शख्स मेरा कर्ज अदा करेगा इसके बाद आपने ऐसे मुतासिर अंदाज मे तकरीर फरमाया कि मजलिस मे मौजूद 7 लोगों पर गसी तारी हो गई,


फिर वहां से आप ब्लख पहुचे और त्वागिरी के फजाईल कुछ इस अंदाज मे बयान फरमाये कि एक ही शख्स ने आपको एक लाख दिरहम का नजराना पेश कर दिया लेकिन एक बुजुर्ग ने फरमाया कि दरवेशी मुकाबला मे त्वागिरी की फ़जीलत बयान करना आपकी शान के मनाफी है चुनानचे बल्ख से रवानगी के बाद रास्ता मे डाकुओ ने आपसे सारी रकम छीन ली उस वक़्त आपको ख्याल आया कि ये हादसा उन्हीं बुजुर्ग के कौल की वजा से पेश आया है फिर जब आखिर मे यहया बिन मुआज मुल्क हरी पहुचे तो आपने वहां  भी अपना खुवाब बयान किया चुनानचे बयान के दौरान ही हाकिम हरि की लड़की ने बयान किया कि उस दिन मुझे भी हुजूरे अकरम ने आपके कर्ज कि अदाईगी का हुक्म दिया था और जब मैंने अर्ज किया कि हुक्म होतो खुद वहाँ जाकर उनका कर्ज अदा करदु तो हुजूर ने फरमाया कि वोह खुद यहाँ आएगा लेहाजा मेरी आपसे इस्तेदा है कि सिर्फ चार दिन तक आप यहाँ तकरीर फरमाये चुनानचे आपके तकरीर का ऐसा असर हुआ कि चार दिन मे 145 लोग आपका तकरीर सुनकर बेहोश हो गये फिर जब यहया बिन मुआज वहा से रुखसत होने लगे तो उस अमीर जादी ने हजारों दीनार और साठ ऊट आपके साथ कर दिए वतन वापिस पहुंच कर आपने आपने बेटे को हिदायत की कि तमाम कर्ज की अदाईगी के बाद जो रकम बच जाये उसको फुकरा मे तक्सीम करदो कियोकि मेरे लिये खुदा की जात ही काफी है 

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Thanks for reading: यहया बिन मुआज को अल्लाह के रसूल की बसारत , Sorry, my Hindi is bad:)

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