मौलाना रूमी के जिंदगी के वाक़्यात हालात
Hindi storiesएक दफा किला की मस्जिद मे जुमा के दिन वाज की मजलिस थी तमाम अमरा व सलहा हाजिर थे मौलाना रूम ने क़ुरान मजीद के दकायक और निकात बयान करना शुरू किये हर तरफ से वाह वाह और सुभानअल्लाह की सदाये बुलंद हुई उस जमाने मे वाज का ये तरीका था कि कारी क़ुरआन मजीद की कुछ आयते पढता था और वाज मे उन्हीं आयतो की तफ़सीर बयान करता था मजमा मे एक फिकिया साहब भी तसरीफ रखते थे उनको हसद पैदा हुआ बोले कि आयते पहले से मुकर्रर करली जाती हैँ उनके मुतालिक बयान करना कौनसी कमाल की बात है मौलाना ने उनकी तरफ खताब करके कहा कि आप कोई सूरत पढ़िए मैं उसकी तफ़सीर बयान करता हूँ उन्होंने वज्जुहा पढ़ी मौलाना ने उस सूरत के दकायक और लताएफ बयान करने शुरू किये तो सिर्फ वज्जुहा के वाव के मुतालिक इस कदर सरह व बस्त से बयान किया कि शाम हो गई तमाम मजलिश पर एक वजद की हालत तारी थी फिकया साहब ऐसे सरसार हुऐ कि कपडे फाड़ डाले और मौलाना के क़दमों पर गिर पड़े इस जलसे के बाद मौलाना ने फिर वाज नहीं कहा फरमाया करते थे कि जिस कदर मेरी सोहरत बढ़ती जाती है मैं बला मे मुबतिला होता जाता हूँ लेकिन किया करुँ कुछ तदबीर नहीं बन पडती,
एक दफा शमा की मजलिश थी अहले महफिल और खुद मौलाना पर वजद की हालत थी एक शख्स बेखुदी की हालत मे तड़पता तो मौलाना से जाकर टक्कर खाता चन्द दफा यही इत्तेफाक हुआ लोगों ने बाजोर उसको मौलाना के पास से हटाकर दूर बिठा दिया आपने नाराज होकर फरमाया शराब उसने पी है और बद मस्ती तुम करते हो ऐसे ही एक दफा और मैनुद्दीन परवाना के घरमे शमा की मजलिस थी करजी खातून ने शेरिनी के दो तबक भेजे लोग शमा मे मशगूल थे इत्तेफाक से एक कुत्ते ने आकर तबक मे मुँह डाल दिया लोगों ने कुत्ते को मारना चाहा मौलाना ने फरमाया कि उसकी भूक तुम लोगों से ज़ियादा तेज थी उसने खाया तो उसी का हक था,
कौनिया मे एक गरम पानी का चस्मा था मौलाना रूम कभी कभी वहाँ ग़ुस्ल के लिये जाया करते थे एक दिन वहाँ का कसद किया खुद्दाम पहले से जाकर एक खास जघा मुताइन कर आये लेकिन कबल इसके कि मौलाना पहुचे कुछ ज्जामी पहुंच कर नहाने लगे खुद्दाम ने उनको हटाना चाहा मौलाना ने खुद्दाम को डांटा और चश्मे मे उसी जघा से पानी लेकर अपने बदन पर डालना शुरू किया जहाँ ज्जामी नहा रहे थे,
हजरत मौलाना रूम एक मर्तबा बाजार मे जां रहे थे लड़को ने देखा तो हाथ चूमने के लिये बढ़े आप खड़े हो गये लड़के हर तरफ से आते और हाथ चूमते जाते मौलाना भी उनकी दिल दारी के लिये उनके हाथ चूमते एक लड़का किसी काम मे मशगूल था उसने कहा मौलाना जरा ठहर ये मैं काम से फ़ारिग हो लूँ मौलाना उस वक़्त ताक वहीं खड़े रहे कि लड़का फ़ारिग होकर आया और दस्त बोसी की इज्जत हासिल की,
हजरत मौलाना रूम बवजूद अजमत व शान के निहायत दर्जा बे तकल्लुफ मुत्वज्जा और खाक्सार थे एक दफा जाड़ो के दिनों मे हस्सामुद्दीन चलपी के पास गये चुकि ना वक़्त हो चुका था दरवाजे सब बंद थे वहीं ठहर गये बर्फ गिर कर सरपर जमती जाती थी लेकिन इस ख्याल से कि उन लोगों को जहमत ना हो ना आवाज़ दी ना दरवाजा खटखटाया सुबह को बववाब ने दरवाजा खोला तो ये हालत देखी हस्सामुद्दीन को खबर हुई वोह आकर पाओ पर गिर पड़े और रोने लगे मौलाना ने गले से लगा लिया और उनकी तसकीन की,
हजरत मौलाना रूम एक दफा मुरीदों के साथ जा रहे थे एक तंग गली मे एक कुत्ता सरे राह सो रहा था जिससे रास्ता रुक गया था मौलाना वहीं रुक गये और देर ताक खड़े रहे उधर से एक शख्स आरहा था उसने कुत्ते को हटा दिया मौलाना बहुत आजर्द हुऐ और फरमाया ना हक उसको तकलीफ दी,
एक दफा दो आदमी सरे राह लड़ रहे थे और एक दूसरे को गालिया दे रहे थे उन मेसे एक ने कहा कि वो लइन तू एक कहेगा तो दस सुनेगा इत्तेफाक से मौलाना का गुजर उधर से हुआ आपने उस शख्स से फरमाया कि भाई जो कुछ कहना है मुझको कह लो मुझको अगर हजार कहोगे तो एक भी ना सुनोगे दोनों मौलाना के पैर पर गिर पड़े और आपस मे सुलह करली,,,
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Thanks for reading: मौलाना रूमी के जिंदगी के वाक़्यात हालात , Sorry, my Hindi is bad:)