सिर्फ एक खुदा का ख्याल हज़रत गौस पाक
हजरत सय्यद अब्दुल कादिर जीलानी का कौल है कि मैं कई साल कर्ख के विरान मैदानों मे रहा वहाँ मेरी खुराक सहराई खुजूर थी और लिबास सूफ का एक झुब्बा था जो कोई नेक ख्याल शख्स मुझको लाकर उढ़ा देता था मैं नंगे पाओ काटो के जंगल मे फिरता था मेरे तलवे छलनी हो गये थे वोह मेरी उमंगो और व्लोलो का वक़्त था जो शबाब का जमाना मशहूर है और जिसमे बहुत से लोग खुवाहसाते नफ़सानी मे मगलूब होजाते हैँ मगर मैं अपनी हर खुवाहिश पर ग़ालिब था मेरे दिल मे ना अच्छा खाने की आरजू होती थी ना अच्छा पीने की ना अच्छे मकानों मे रहने की ना दुनियां के ऐश वा आराम की ना इज्जत वा जाह की मेरे जिस्म का हर जज्बा एक ही रुख मसरूफ था मेरे वजूद की हर खुवाहिश एक ही तरफ मुत्वज्जा थी मेरे तसव्वुर और ख्याल मे सिवाये एक चीज के किसी दूसरी शै का गुजर ना होता था और वोह खुदा था और उसके जानिब चलने का सुलूक था और उसकी याद से कैफ वा जोक मयस्सर आने की तलब थी जो मुझे मिला,
हजरत सय्यद अब्दुल कादिर जीलानी के दुआ का असर
शैख़ मोहम्मद सादिक शैबानी से रिवायत है कि हजरत शैख़ सहाबुद्दीन सहरूरवी के वालिद ला वल्द थे उनकी बीवी हजरत गौसे आजम की खिदमत मे हाजिर हुई और आपसे औलाद के लिये दुआ करने की दरखुवास्त की शैख़ ने उनके हक मे दुआ करने के बाद फरमाया अल्लाह ताला बहुत जल्द तुम्हें बेटा अता करेगा कुदरत खुदा की देखिये कि वोह उसी सब हामला हो गई मगर मुकरर्रा मुद्दत के बाद लड़के की जघा लड़की पैदा हुई हजरत अब्दुल कादिर जीलानी को जब इस बात की खबर पहुंचाई गई तो आपने खबर लाने वाले से फरमाया अच्छी तरह जाकर देखो वोह लड़का है लड़की नहीं है घर जाकर देखा गया तो वाक़ई लड़का था फिर आपने उस लड़के का नाम सहाबुद्दीन तजवीज फरमाया और कहा कि खुदा के फजल से ये तवील उम्र पायेगा और अपने वक़्त का बुजुर्ग कामिल होगा शैख़ अब्दुल कादिर के फरमान के मुताबिक सहाबुद्दीन उमर अपने वक़्त के वली कामिल साबित हुऐ और उन्होंने तवील उम्र पाई,,,
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Thanks for reading: सिर्फ एक खुदा का ख्याल हज़रत गौस पाक, Sorry, my Hindi is bad:)