गौस पाक अल्लाह ताला का शुक्र अदा करने का वाक़्या
हजरत सय्यद अब्दुल कादिर जीलानी का कहना है कि एक मर्तबा आप पर भूक का शदीद गलबा हुआ चलने की ताकत ना रही तो बगदाद के एक मस्जिद मे बैठ गये इतने मे एक ईरानी नौजवान गरम गरम रोटियां और भुना हुआ गोस्त लेकर मस्जिद मे आया और खाने बैठा अचानक आपकी निगाह उस जानिब उठी लेकिन शाने गैरत ग़ालिब आई और अस्तगफार पढ़कर आपने मुँह फेर लिया ईरानी नौजवान ने आपको खाने मे शरीक करना चाहा लेकिन आपने इंकार कर दिया मगर जब उसने बहुत इसरार किया और कस्मे दी तो हजरत गौसुल आजम ने मजबूर होकर उसकी दावत कबूल फरमा ली लेकिन लुकमा उठाते ही उन्हें कुछ ख्याल आया आपने उस तालबे इल्म से पूछा आप कहाँ से तसरीफ लाये हैँ रोजगार की तलाश मे ज़िलान से आया हूँ तालबे इल्म ने जवाब दिया इसपर आपने इरशाद फरमाया कि मैं ज़िलान का रहने वाला हूँ नौजवान ने फिर सवाल किया आप जीलान के एक नौजवान तालबे इल्म अब्दुल कादिर से वाकिफ हैँ आपने फरमाया मेरा ही नाम अब्दुल कादिर है ये सुनकर ईरानी नौजवान के चेहरे का रंग बदल गया और शर्मिंदगी के लहजे मे बोला,
मुआफ कीजियेगा मैंने आपकी अमानत मे ख्यानत की है इसपर हजरत ने पूछा वाक़्या किया है तालबे इल्म ने अर्ज किया कि मैं तलाशे रोजगार मे जब जीलान से बगदाद रवाना हुआ तो आपकी वालदा माजदा ने मुझे आपके लिये 8 दीनार दिये थे बगदाद पहुंच कर आपको कई दिन तलाश किया उस असना मे मेरे पास जो थोड़ी बहुत रकम थी वोह खर्च हो गई और कहीं रोजगार ना मिला जब फाका कसी पर नौबत आई तो मैंने आपके अमानत मेसे एक दीनार ख़र्च करके अपने खाने पीने का इन्तेजाम किया असल मे ये खाना आपके रुपया से ख़रीदा गया है हजरत गौसुल आजम महबूबे सुबहानी ने आब्दीदा होकर पर्वरदिगार का शुक्रिया अदा किया कि उसने सदीद आजमाइश के तौर पर कि आपको गैर का शर्मिंदा एहसान नहीं किया इसके बाद आपने ईरानी तालिब को दिलासा दिया और उसने 7 दीनार जो आपकी खिदमत मे पेश किये थे उन मेसे सिर्फ जजो कलील अपने लिये रखकर बाकी रकम उसको मरहमत फरमा दी
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Thanks for reading: गौस पाक अल्लाह ताला का शुक्र अदा करने का वाक़्या, Sorry, my Hindi is bad:)