किया औलिया का बद्दुआ किसी को मार सकता है
एक मर्तबा एक शख्स ने हज पर जाने का इरादा किया और वोह हजरत अबुल हसन की खिदमत मे हाजिर हुआ और अर्ज की हजरत मैं हज्ज पर जाना चाहता हूँ मुझे इजाजत दीजिये आपने फरमाया किया करोगे हज्ज करके उसने जवाब दिया खुदा की रजा के लिये हज्ज करूँगा आपने फरमाया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहे वसल्लम का फरमान है कि इल्म हासिल करो खुवाह तुम्हें चीन जाना पड़े मगर आपने यह कहीं नहीं फरमाया कि तुम खुदा की तलाश मे मारे मारे एक जघा से दूसरी जघा फिरो फिर फरमाया कि किसी शख्स को खुश रखने के लिये उसके लिये एक सांस भी ली जाये तो ये इबादत बरसों की नमाज रोजे से बेहतर है,
उस शख्स को आपकी बात ना गवार गुजरी और वोह बोला मैंने जब इरादा कर लिया है तो मैं जाऊंगा जरूर आप मुझे बिल्कुल नहीं रोक सकते आपने फरमाया मेरी बातें गौर से सुनले अगर तेरा मन चाहे तो इनपर अमल करना ना चाहे तो ना करना इस तरह मेरी जिम्मेदारी खतम हो जायेगी एक ऐसा शख्स जिसका एक दिन और एक रात इस तरह गुजरे हों कि उसकी जात से किसी को अजियत ना पहुंची हो तो उसकी बात यह यकीन करले कि वोह शख्स गोया एक शब रसूल सल्लल्लाहू अलैहे वसल्लम की खिदमत मे हाजिर रहा और उसी तरह एक वोह शख्स जिससे किसी भी मुसलमान को अजियत पहुँचती हो वोह उस दिन की इताअत वा इबादत से मेहरूम रहा,
उस शख्स ने आपकी बातों पर कोई तवज्जा ना दी और हज्ज के लिये रवाना हो गया दरअसल ये शख्स बड़ा ज़ालिम इन्सान था अपने मुलाजिमो और देगर लोगों पर बड़ी सख़्ती करता था इसलिये हजरत ने उसे हज्ज करने से ज़ियादा इंसानों पर रहम करने के बारे मे नसीहत की कियोकि उसका हज्ज दिखावा था मगर उस शख्स ने आपकी बातें तवज्जा से सुनने के बजाये उनको एक कान से सुना और दूसरे कान से उड़ा दिया अब अल्लाह का करना ऐसा हुआ कि उस साल जितने लोग हज्ज के लिये रवाना हुऐ थे उनपर बहुत सी मुसीबते नाजिल हुई और बहुत से लोग मर गये जब ये खबर हजरत अबुल हसन तक पहुंची तो उन्होंने फरमाया कि मैंने पहले ही उस शख्स को बताया था कि तुम इस मर्तबा हज्ज पर जाने के बजाए इंसानियत की खिदमत करो मगर उसने मेरी एक ना सुनी आपकी इस बात की खबर मशहूर शैख़ अबु अब्बास को जब खबर मिली तो उनसे बहुत से लोगों ने पूछा कि अगर हजरत अबुल हसन की बद्दुआ से ये लोग मुसीबतों का शिकार होकर मारे गये हैँ तो उनकी मौत की जिम्मेदारी हजरत अबुल हसन पर जाती है,
हजरत अबु अब्बास ने जवाब दिया कि ये फुजूल और बेकार सवाल है जब हाथी जमीन पर अपना जिस्म रगड़ता है तो उसकी जद मे आके हलाक होने वाले कीड़ो मकोड़ो की जिम्मेदारी किस पर जायेगी ये तो दर्वेश की जलालत का मुआमला होता है कि उसकी जलालियत मे उसके मुँह से अल्लाह ताला जो चाहता है कहलवा देता है और लोग समझते हैँ कि ये उस दर्वेश का सब किया धरा है दर हकीकत ये सारा प्रोग्राम खुदा का होता है जिसको वोह सर अन्जाम अपने किसी बन्दे के जरिये देता है,
हजरत अबु अब्बास की बात सुनकर लोग खामोश हो गये और फिर उन्होंने कोई सवाल ना किया और दिल मे खौफ जदा होने लगे कि हजरत अबुल हसन जैसी बुजुर्ग हस्ती के साथ तू तुकार से बचना चाहिये कियोकि कुछ समय अल्लाह ताला का फजल मौज मे होता है कुछ समय ऐसा होता है कि उसका गजब नाजिल होने वाला होता है तो अगर फजल किसी बन्दे पर नाजिल हों जाये तो उसकी दुनियां वा आख़िरत दोनों सवर जाती है और अगर वोह गजब का शिकार हों जाये तो ना दुनियां का रहता है ना आख़िरत का,,,
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Thanks for reading: किया औलिया का बद्दुआ किसी को मार सकता है , Sorry, my Hindi is bad:)