वक़्त का कुतुब कौन
एक मर्तबा हजरत अबुल हसन खुरकानी के एक मुरीद ने आपसे पूछा इस दुनियां का कुतुब कौन है आपने फरमाया कुतबे दौरा की जियारत के लिये तुम्हें कोहे लेबनान जाना होगा उसने पूछा हजरत कोहे लेबनान पहुंच कर मैं किस तरह जान पाउँगा कि कुतुब फला शख्स है आपने फरमाया जब तुम कोहे लेबनान पहुँचोगे तो वहाँ पर एक जनाजा रखा होगा उस जनाजे को जो शख्स पढ़ायेगा वही कुतबे दौरा होगा वोह शख्स उसी वक़्त रवाना हो गया और बड़ी मुश्किलात तकलीफे सफर के बाद वोह लेबनान पंहुचा वहाँ पर उसने देखा कि वाक़ई एक जनाजा पड़ा हुआ है मगर उसे पढ़ाने वाला अभी नहीं पंहुचा उसे लोगों ने बताया जनाजा पढ़ने वाला अभी आने वाला है थोड़ी देर बाद उस देखा शख्स ने देखा कि एक साहब कपड़ों मे मुँह छिपाये आये हैँ और वोह जनाजा पढ़ाने के बाद वापस जा रहे हैँ,
उसने जनाजा पढ़ाने वाले साहब का रास्ता रोका और अर्ज की कि हजरत मैं इन्तहाई दूर से आया हूँ और हजरत अबुल हसन का मुरीद हूँ और उनकी इजाजत और रहनुमाइ से आपकी जियारत के लिये हाजिर हुआ हूँ आप अपने चहरे से कपड़ा हटाइये ताकी आपका दीदार कर सकूँ उन साहब ने अपने चहरे से कपड़ा हटाया तो वोह शख्स हैरान व परेशान हो गया कि जनाजा पढ़ाने वाले इमाम साहब हजरत अबुल हसन खुरकानी खुद थे वोह शख्स उसी वक़्त बेहोश हो गया जब होश मे आया तो उसे पता चला कि हजरत जा चुके हैँ उसने आपके बारे मे लोगों से पूछा कि आप कहाँ से आये और कहाँ गये लोगों ने बताया कि यह इमाम साहब खुरकान से आते हैँ और यहाँ नमाज पढ़ा कर वापिस चले जाते हैँ उस वक़्त जोहर का वक़्त था अब वोह शख्स असर की नमाज का इन्तेजार करने लगा ताकी हजरत जब नमाज पढ़ाने आये तो उनसे गुफ्तगू हो सके जब वापिस जाने लगे तो उस शख्स ने लपक कर आपका हाथ पकड़ लिया और अर्ज की कि हजरत जब मे आपका मुरीद हूँ तो आपने मुझे इतनी दूर कियों भेजा मुझे अपना दीदार खुरकान ही मे करवा देते आपने फरमाया देखो जो कुछ तुमने देखा है उसका किसी से जिक्र ना करना ये खुदा का फजल होता है जिसपर हो जाये
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Thanks for reading: वक़्त का कुतुब कौन, Sorry, my Hindi is bad:)